IQNA

स्वर्गीय गीत

फ़िल्म | "महमूद रमज़ान" के स्थायी पाठ का ऐक हिस्सा

IQNA-निम्नलिखित में, आप सूरह मुबारक फ़ातिर से प्रसिद्ध मिस्र के पाठक शेख महमूद मुहम्मद रमज़ान के स्थायी पाठ का एक हिस्सा सुनेंगे।


بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَنِ الرَّحِيمِ
وَاللَّهُ الَّذِي أَرْسَلَ الرِّيَاحَ فَتُثِيرُ سَحَابًا فَسُقْنَاهُ إِلَى بَلَدٍ مَيِّتٍ فَأَحْيَيْنَا بِهِ الْأَرْضَ بَعْدَ مَوْتِهَا كَذَلِكَ النُّشُورُ ﴿۹﴾
और ईश्वर ही वह है जो हवाओं को भेजता है, पस [हवाएँ] बादल को चलाती हैं, और [हम] उसे मृत भूमि की ओर ले जाते हैं, और हमने उस भूमि को उसकी मृत्यु के बाद [पुनरुत्थान के माध्यम से] जीवन दिया है।
सूरह फ़ातिर
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